‏ Psalms 136

1खु़दावन्द का शुक्र करो, क्यूँकि वह भला है, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है। 2इलाहों के ख़ुदा का शुक्र करो, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है। 3मालिकों के मालिक का शुक्र करो, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है।

4 उसी का जो अकेला बड़े बड़े ‘अजीब काम करता है, कि उसकी शफ़क़त हमेशा कीहै। 5उसी का जिसने ‘अक़्लमन्दी से आसमान बनाया, कि उसकी शफ़क़त हमेशा कीहै।

6उसी का जिसने ज़मीन को पानी पर फैलाया, कि उसकी शफ़क़त हमेशा कीहै। 7उसी का जिसने बड़े-बड़े सितारे बनाए, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है।

8दिन को हुकूमत करने के लिए आफ़ताब, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है। 9रात को हुकूमत करने के लिए माहताब और सितारे, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है।

10उसी का जिसने मिस्र के पहलौठों को मारा, कि उसकी शफ़क़त हमेशाकी है। 11और इस्राईल को उनमें से निकाल लाया, कि उसकी शफ़क़त हमेशा कीहै। 12 क़वी हाथ और बलन्द बाज़ू से, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है|

13उसी का जिसने बहर-ए-कु़लज़ुम को दो हिस्से कर दिया, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है। 14और इस्राईल को उसमें से पार किया, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है। 15लेकिन फ़िर’औन और उसके लश्कर को बहर-ए-कु़लजु़म में डाल दिया, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है।

16उसी का जो वीरान में अपने लोगों का राहनुमा हुआ, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है। 17 उसी का जिसने बड़े-बड़े बादशाहों को मारा, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है;

18और नामवर बादशाहों को क़त्ल किया, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है। 19अमोरियों के बादशाह सीहोन को, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है। 20और बसन के बादशाह ‘ओज की, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है;

21और उनकी ज़मीन मीरास कर दी, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है; 22या’नी अपने बन्दे इस्राईल की मीरास, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है। 23 जिसने हमारी पस्ती में हम को याद किया, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है;

24और हमारे मुख़ालिफ़ों से हम को छुड़ाया, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है। 25जो सब बशर को रोज़ी देता है, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है।  आसमान के ख़ुदा का शुक्र करो, कि उसकी सफ़कत हमेशा की है|

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